Two lines shayari

रात फिर आएगी फिर ज़हेंन के दरवाज़े पर
कोई मेंहदी में रंगे हाथ से दस्तक देगा…

खवाहिश नही मुझे मशहूर होने की ऐ सनम,
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है।

तुमको देखूं तो मुझे प्यार बहोत आता है
ज़िंदगी इतनी हसीन पहले तो नही लगती थी

जानकार भी तुम मुझे जान ना पाए आजतक तुम मुझे पहचान ना पाए खुद ही की है बेवाफाई तुमने ताकि तुम पर इल्ज़ाम ना आए!

हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है ऐ बेखबर तुझे चाहा ही इस लिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये…!!

यहाँ सब खामोश हैं कोई आवाज़ नहीं करता,
सच बोलकर कोई, किसी को नाराज़ नहीं करता।

बात कोई और होती तो हम कह भी देते
कम्बखत मोहब्बत हे…बताया भी नहीं जाता…

हर नजर में मुमकिन नहीं है बे-गुनाह रहना,
वादा ये करें कि खुद की नजर में बेदाग रहें।

तेरे चेहरे में वो जादू हैं,
के हर पल मेरे दिल को इसकी Khushbu आती रहती हैं

Zindagi Tab Khubsoorat Lagti Hai,
Jab Ise Khubsoorat Banane Wala Saath Ho

नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे,
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते.

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